Friday, June 17, 2011

हर घर में कम्प्यूटर शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य


VCSM  की नौवीं वर्षगाँठ का उदघाटन करते
बाएं से राम राजीव कुमार, डॉ. महेशचंद चौरसिया
विधायक अरुण कुमार, आर एस कुमार, प्रणव कुमार
और सतीरमण सिंह.


संस्थान के आधार स्तम्भ रहे पिता जय प्रकाश मोदी
को श्रद्धांजलि देते सीओओ राम संजीव कुमार.

आशीर्वचन देतीं माँ गायत्री देवी.


गुरु वन्दना प्रस्तुत करती तरुषी व मानसी. 


प्रोस्पेक्टस का विमोचन करते आर एस कुमार के साथ
प्रणव कुमार व प्रो सतीरमण सिंह.

पटना, 14  जून, संवाद सूत्र: विश्र्व कम्प्यूटर साक्षरता मिशन का नौवां वार्षिकोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। रविवार को श्री कृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में वीसीएसएम के सीईओ राम संजीव कुमार ने कहा कि हर घर में कम्प्यूटर शिक्षा की अलख जगाने का लक्ष्य है और संस्थान इसमें अनवरत प्रयासरत है। मिशन द्वारा भारत सरकार व यूजीसी से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों के अलावा आइटी सेक्टर के जाब ओरियेंटेड कोर्स भी करवाये जा रहे हैं। उन्होंने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट पेश की। इससे पहले विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने गुब्बारा उड़ाकर समारोह का उद्घाटन किया। समारोह में रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति भी गई। इस मौके पर संस्थान के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न प्रांतों के लोक गीत व नृत्य के अलावा फिल्मी गानों को प्रस्तुत कर देश की अनेकता में एकता की संस्कृति पेश कर दर्शकों से खूब तालियां बटोरीं। परफार्म करने वाले सुपौल के सेंटर डायरेक्टर आशीष कुमार मिश्रा व हिलसा की सेंटर डायरेक्टर मधुमिता कुमारी को बिजनेस चैंपियन का अवार्ड दिया गया। जबकि नालन्दा व गिरिडीह के जिला संयोजक चन्द्रशेखर और मिथिलेश कुमार को एक्सलेंट इन जाब अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर राम राजीव कुमार, अरविंद कुमार समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे।
(सौजन्य : दैनिक जागरण)

Tuesday, April 19, 2011

Winners tour 2 Darjeeling & Gangtok

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मार्च लास्ट वीक विश्व कंप्यूटर साक्षरता मिशन के लिए एक सुनहरा पल रहा. विनर्स टूर के तहत संस्थान ने अपने सेंटर डायरेक्टर्स के कार्यों को सराहा ही नहीं, बल्कि उनके यादगार पलों के भागीदार भी बने. विनर्स टूर के तहत संस्थान के सीओओ राम राजीव कुमार ने विनर्स सेंटर डायरेक्टर्स को अच्छी उपलब्धियों के दार्जीलिंग और gangtok का सैर भी कराया. दार्जीलिंग और gangtok  में बिठाये पलों का एक नजारा.....
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Monday, March 14, 2011

Holi mein ude re gulal...

पटना : विश्व कंप्यूटर साक्षरता मिशन के भूतनाथ रोड स्थित नेशनल सपोर्ट सेंटर में मंगलवार को नजारा बदला-बदला था. सबके चहरे लाल-पीले नजर आ रहे थे. कंप्यूटर के की-बोर्ड पर दौड़ने वाली अंगुलियाँ एक-दूजे के गालों पर दौड़ रही थीं. कनीय कर्मचारी से वरीय  अधिकारी  तक  मस्ती  में  डूबे  हुए थे. मंगलवार को विश्व कंप्यूटर साक्षरता मिशन के कार्यालय में आयोजित होली मिलन समारोह  में यह नजारा देखने को मिला. इस मौके पर यूनिवर्सिटी को-ऑर्डिनेटर प्रो ज्ञानेंद्र पिंटू ने कहा कि होली सबसे बिंदास त्यौहार है. सो, इसे उसी अंदाज में मनाना चाहिए. इसमें इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए कि  खुद  भी  सुरक्षित रहें और सामने वालों को भी हानि नहीं पहुंचे. समारोह में एक से बढ़कर एक चुटकुले,  गीत, कविता आदि सुनाकर माहौल को मस्ती में डुबो दिया गया. समारोह को सफल बनाने  में  राजीव,  दिलीप  कुमार,  रश्मि,  सावित्री, अंशू, अरविन्द, टिंकू, रंधीर, दिनेश आदि की अहम्  भूमिका रही.     

Sunday, March 13, 2011

काव्य संध्या सह मुशायरा

हवेली खड़गपुर (मुंगेर) : एक बार फिर खड़गपुर की धरती पर काव्य धारा में लोग जमकर डुबकी लगायेंगे. साथ ही मुशायरा का भी लोग आनंद लेंगे. इसकी यहाँ जोरशोर से तैयारी चल रही है. इस सम्बन्ध में कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप पाल और राजकिशोर केसरी ने बताया कि 14 मार्च को 'जय प्रकाश मोदी स्मृति सम्मान समारोह व काव्य संध्या सह  मुशायरा' का आयोजन किया जाएगा. इसमें दो दर्जन से अधिक कवि व शायर पहुंचेंगे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिव मंगल सिंह 'मानव', निदेशक, आकाशवाणी, भागलपुर हैं. कार्यक्रम स्थानीय पंच कुमारी गर्ल्स हाई स्कूल में चार बजे शाम में शुरू होगा. 

Friday, February 18, 2011

'जय प्रकाश मोदी स्मृति सम्मान' 2011

 एन सी सी जवान को मोमेंटो प्रदान करते राम संजीव कुमार.
हवेली खड़गपुर (मुंगेर), 16 फरवरी : विश्व प्रसिद्ध चित्रकार आचार्य नन्दलाल बसु की जन्म भूमि हवेली खड़गपुर के राजेंद्र श्री कृष्ण विद्यालय में एन सी सी के जवानों को 'जय प्रकाश मोदी स्मृति सम्मान' से  नवाजा गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय सुरक्षा बल के कमान्डेंट सदाराम सिंह, स्टेट बैंक के मैनेजर मो ओबेश, गज्नफ्फर अली, डॉ  सुरेश  कुमार, शिबू चौधरी समेत जय प्रकाश मोदी के पुत्र  राम  संजीव कुमार, राम राजीव  कुमार मौजूद थे. इसके पूर्व कार्यक्रम का उदघाटन श्री मति   गायत्री  देवी  ने  दीप  जलाकर किया. इस मौके पर एन सी सी कैडेट प्रकाश प्रसून, स्मिता शेखर, राज  चौधरी  आदि  को राम संजीव कुमार ने 'जय प्रकाश मोदी स्मृति सम्मान' से नवाजा. वहीं स्वागत गान कुमार मुन्ना, मास्टर गुड्डू ने प्रस्तुत किया. मंच संचालन गज्नफ्फर अली ने किया.    


Monday, February 7, 2011

वर दे वीणावादिनी वर दे !

वर दे, वीणावादिनि वर दे !प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
        भारत में भर दे !

काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
        जगमग जग कर दे !

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
        नव पर, नव स्वर दे !

वर दे, वीणावादिनि वर दे।
- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

(सरस्वती पूजा के अवसर पर सभी छात्रों, शिक्षकों और निदेशकों को VCSM की ओर से हार्दिक बधाई)

Monday, January 31, 2011

ऐसे बढ़ाएं अपने लैपटॉप की बैटरी लाइफ

लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग उसकी बैटरी लाइफ को लेकर परेशान रहते हैं। लैपटॉप की बैटरी एक बार पूरी तरह चार्ज होने के बाद दो-तीन घंटे तक ही चल पाती है। सफर के दौरान या किसी जरूरी प्रेजेंटेशन के समय अचानक लैपटॉप की बैटरी खत्म हो जाना बड़ी समस्या पैदा कर सकता है, खासकर तब जब आपके आसपास कोई पावर प्लग न हो। कुछ तरीके आजमाकर आप अपने लैपटॉप की बैटरी को ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने के अलावा बैटरी को जल्दी खराब होने से भी बचा सकते हैं। पूरी जानकारी दे रहे हैं बालेन्दु शर्मा दाधीच :

पावर मैनेजमेंट

पावर मैनेजमेंट को एडजस्ट करके बिजली की खपत को कम-ज्यादा किया जा सकता है। लैपटॉप की स्क्रीन की चमक जितनी ज्यादा होगी, उतनी ही बिजली ज्यादा खर्च होगी। control panel में जाकर power ऑप्शंस के जरिए बैटरी के इस्तेमाल को कम-से-कम पर सेट कर दें। इससे आपकी स्क्रीन की चमक कुछ कम हो जाएगी, प्रोसेसर की स्पीड घटेगी और लैपटॉप इस्तेमाल न होने पर जल्दी-जल्दी स्लीप मोड़ में चला जाएगा। इससे आपके काम पर भी कोई असर नहीं पडे़गा।

हाइबरनेट

काम न करते समय कंप्यूटर को Stand by मोड़ में रखने पर बिजली कम खर्च होती है। लेकिन अगर आपके लैपटॉप में हाइबरनेशन की सुविधा है, तो वह और भी ज्यादा बिजली बचाएगा। इसके लिए control panel में power ऑप्शन्स पर क्लिक करने के बाद खुले डायलॉग बॉक्स में hibernate टैब ढूंढें। अगर यह मौजूद है, तो उसे खोलकर enable hibernate बॉक्स पर टिक करें। अगर हाइबरनेट टैब न दिखे तो आपके लैपटॉप में यह व्यवस्था नहीं है।

पावर लीक

अगर लैपटॉप के साथ फ्लैश ड्राइव, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क और स्पीकर, वाई-फाई कार्ड आदि जुड़े हुए हैं, तो उन्हें हटा लें क्योंकि उन सबको जरूरत की बिजली लैपटॉप की बैटरी से ही मिलती है।

सीडी-डीवीडी

लैपटॉप को बैटरी से चलाते समय सीडी और डीवीडी ड्राइव का इस्तेमाल कम-से-कम करें क्योंकि इस प्रोसेस में काफी बिजली खर्च होती है।

बैटरी चार्जिंग

बैटरी को चार्ज करने के बाद लंबे समय तक बिना इस्तेमाल करे न छोड़ें। अगर बैटरी चार्ज की हुई है, तो लैपटॉप को कम-से-कम दो हफ्ते में एक बार जरूर इस्तेमाल करें। अगर लैपटॉप में लीथियन आयन बैटरी है तो उसे पूरी तरह डिस्चार्ज न करें। अगर आपकी बैटरी नॉन लीथियन आयन है तो उसे हर दो-तीन हफ्ते में पूरी तरह से डिस्चार्ज करने के बाद ही दोबारा चार्ज करें। लैपटॉप को लंबे समय तक इस्तेमाल न करने की हालत में नान लीथियन आयन बैटरी को पूरी तरह डिस्चार्ज करके रखें। आपकी बैटरी किस कैटिगरी की है, यह पता करने के लिए लैपटॉप का मैनुअल देखें।

मल्टि-टॉस्किंग

अगर लैपटॉप बैटरी से चल रहा है, तो एक ही समय पर कई ऐप्लिकेशंस का इस्तेमाल न करें। आमतौर पर हम माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में काम कर रहे होते हैं और साथ में इंटरनेट एक्सप्लोरर पर वेबसाइट्स या ई-मेल भी खुले होते हैं। ऐसा मल्टि-टॉस्किंग के जरिए होता है। लेकिन याद रखें जितना ज्यादा प्रोसेस, उतनी ही ज्यादा बिजली की खपत। एक बार में एक ही सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना बैटरी बचाएगा।

रखें कूल-कूल

लैपटॉप को तेज धूप में या गर्मी वाली दूसरी जगह में न रखें। काम करते समय भी ध्यान रखें कि आपके आसपास का तापमान बहुत ज्यादा न हो क्योंकि वह जितना कम होगा, लैपटॉप उतना ही अच्छा काम करेगा। उसके अंदर हवा जाने के रास्ते बंद न हों, की-बोर्ड में रुकावट न हो इसका ध्यान रखें और समय-समय पर उन्हें साफ करते रहें। तापमान पूछना है।

डिफैग

अगर आपकी हार्ड डिस्क में बहुत ज्यादा फ्रेगमेंटेशन (छितराई हुई फाइलें) है तो प्रोसेसर को फाइल मैनेजमेंट के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और बिजली भी ज्यादा खर्च होती है। इससे बचने के लिए हार्ड डिस्क को डिफ्रैग करते रहें। ऐसा करना बहुत आसान है। सब my computer में जाकर C Drive पर राइट क्लिक करें। अब properties>tools>defragmentation पर जाएं। वहां दिए defragment now बटन को दबाएं। इससे हार्ड डिस्क में डेटा सही तरीके से स्टोर हो जाएगा।

नोट : उसी पावर कॉर्ड (तार) का इस्तेमाल करें जो लैपटॉप के साथ आया है। अगर वह खो गया है तो डीलर या कस्टमर केयर से पूछकर उसका सही रिप्लेसमेंट ढूंढें। (नवभारत टाइम्स से साभार)

Tuesday, January 25, 2011

गण और तंत्र

आज हम गणतंत्र के 61 वें पड़ाव पर आ गए हैं. लेकिन आज भी 'तंत्र' से 'गण' काफी दूर हैं. वे तंत्र के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं. इतना ही नहीं, आज भी समाज में दो धाराएं बह रही हैं. इंडिया और भारत में हम बटे हुए हैं. अमीरी और गरीबी के बीच की खाई गहरी से गहरी होती जा रही है. जब तक यह खाई नहीं पाटी जायेगी, तब तक इस गणतंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. ऐसे में हम केवल गणतंत्र दिवस तो मनाते रह जायेंगे, लेकिन लोगों के बीच दूरियां बढ़ती ही चली जायेगी. सो, इस दिन केवल जलेबी नहीं बाटें, बल्कि हमलोग उसकी मिठास को अपने अन्दर भी उतारें. तभी सही मायने में गणतंत्र आयेगा. चलिए, कम से कम इस गणतंत्र पर ही सही, संकल्प लें कि गण और तंत्र के बीच की दूरियां मिटेंगी.   

आइटी कंपनियों में रोजगार की बयार

'...अच्छी बात यह है कि आइटी क्षेत्र फिर से आगे बढ़ रहा है। अगले 12 माह में पांच शीर्ष आइटी कंपनियां 1,80,000 तक नई नियुक्तियां करेंगी।' - एस. गोपालकृष्णन सीईओ, इन्फोसिस

नई दिल्ली, एजेंसियां :  देश का आइटी क्षेत्र जमकर नौकरियां बरसाने जा रहा रहा है। ग्लोबल मंदी के असर को झटककर अब यह फिर से तेजी के दौर में प्रवेश कर चुका है। इस साल यह उद्योग 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी भर्ती करेगा। इसमें अकेले देश की पांच शीर्ष कंपनियां 1.80 लाख पेशेवरों की नियुक्ति करेंगी। देश की दिग्गज आइटी कंपनी टीसीएस इसी साल जनवरी से मार्च के दौरान 12,000 कर्मचारी नियुक्त करेगी। साल भर में नई नौकरियों का यह आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा रहेगा। साल के दौरान यह कंपनी 37,000 पेशेवरों का चयन कॉलेज कैंपसों से करेगी। बीते साल अप्रैल-दिसंबर की अवधि में ही कंपनी 50 हजार को नौकरी दे चुकी है। इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के सीईओ एस. गोपालकृष्णन ने कोयंबटूर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश का आइटी उद्योग एक बार फिर वृद्धि की राह पर है। देश की इस दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी के मुखिया के मुताबिक आइटी में फिर से नियुक्तियों का दौर शुरू हो चुका है। ग्लोबल मंदी के चलते वर्ष 2008 में देश के आइटी उद्योग की वृद्धि दर इकाई में आ गई थी। इस दौरान ज्यादातर आइटी कंपनियों ने नियुक्तियां बंद कर दी थीं, वहीं कई फर्मो ने छंटनी भी की थी। अब दौर फिर बदला है। आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अपने बाजार के विस्तार के लिए भारत की ओर टकटकी लगाए हैं। इतना ही नहीं अब बड़ी आइटी कंपनियां छोटे शहरों की ओर रुख कर रही हैं। यानी महानगरों के इतर भी अब नौकरियों के मौके बढ़ेंगे। आइटी का 15 बरस का सफर : पिछले 15 बरस में आइटी उद्योग बड़ी तेजी से बढ़ा है। वर्ष 1993 में इस उद्योग में 1.5 लाख कर्मचारी थे। वर्ष 1999 में यह संख्या यह संख्या बढ़कर 5 पांच लाख हो गई। देश की शीर्ष चार कंपनियों- टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और कॉग्निजेंट के कर्मचारियों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। (दैनिक जागरण से साभार)


त्वरित प्रतिक्रया 
"यह आईटी क्षेत्र के लिए खुशखबरी  है. आईटी  प्रोफेशनल्स को इससे काफी लाभ मिलेगा. इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी कि आईटी क्षेत्र अपने प्रगति पथ पर लगातार बढ़ रहा है. बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी की भरमार है."   - राम संजीव कुमार, सीइओ, वीसीएसएम

Thursday, January 13, 2011

FORMULA - 80

 नीतू सिंह
नई दिल्ली ।। गुरुवार को सीनियर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ . के . के . अग्रवाल एनबीटी रीडर्स से सीधे रूबरू हुए। लाइव चैट के जरिए उन्होंने काफी लोगों के सवालों के जवाब दिए। चैट रूम में पहुंचने और सवाल - जवाब का सिलसिला शुरू होने से पहले ऐसा लग रहा था कि लोग उनसे डेंगू , मलेरिया , स्वाइन फ्लू , टाइफाइड और जॉन्डिस जैसी बीमारियों के बारे में पूछने में सबसे ज्यादा रुचि लेंगे , लेकिन लोगों का अलग रुझान देखकर उन्हें काफी हैरानी हुई। डॉ . अग्रवाल ने इस दौरान फिट रहने के कई दिलचस्प फॉर्म्युले भी बताए।


डॉ . अग्रवाल ने एक घंटे में 129 सवालों के जवाब दिए। इनमें सबसे ज्यादा सवाल लाइफस्टाइल से जुड़ी दिक्कतों से थे। दूसरे नंबर पर सेक्सुअल डिसॉर्डर और चेस्ट पेन से हार्ट की बीमारियों का खतरा और तीसरे नंबर पर थीं , डेंगू , मलेरिया , एच 1 एन 1 फ्लू जैसी बीमारियां। लोगों के कॉमन सवाल भी कम नहीं थे। जैसे सिक्स पैक ऐब्स बनाने के लिए कौन सा सप्लिमेंट लूं , कौन सी एक्सरसाइज करूं और कितने घंटे जिम करूं आदि। हालांकि इसके लिए सबसे जरूरी चीज यानी डाइट मैनेजमेंट पर लोगों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं था। कोई फिटनेस का शॉर्टकट पूछ रहा था तो कोई पेट की चौड़ाई कम करने के तरीके। इनके जवाब में डॉ . अग्रवाल ने बताया कि फिट रहने के लिए 80 का फॉर्म्युला याद रखें - पेट की चौड़ाई , दिल की धड़कन , गंदा कॉलेस्ट्रॉल , खाली पेट शुगर , नीचे का बीपी 80 से कम रखें। रोज 80 मिनट चलें , 80 बार प्राणायाम करें , 80 तालियां बजाएं , 80 बार हंसें , 80 ग्राम से ज्यादा न खाएं , चाय , अल्कोहल 80 एमएल से ज्यादा न पिएं।

हार्ट अटैक होने पर एस्पिरिन की गोली चबाने से मौत का खतरा 20 पर्सेंट तक कम हो जाता है। किसी भी तरह की मौत की स्थिति में 10 मिनट तक आत्मा शरीर नहीं छोड़ती। इन 10 मिनटों में प्रति मिनट 100 की स्पीड से मरीज की छाती दबाएं। चेस्ट का जो दर्द 30 सेकंड से कम समय तक रहता है और अगर वह छाती के किसी ऐसे हिस्से में होती है , जहां से उसे तुरंत पहचाना जा सके , तो वह हार्ट से संबंधित नहीं होता। सुबह के समय चेस्ट में दर्द हो , तो उसे इग्नोर न करें। जो चीज पेड़ों से आती हैं , उनमें कॉलेस्ट्रॉल नहीं होता। जो तेल रूम टेंपरेचर में जम जाता है , वह शरीर के अंदर भी जरूर जमेगा। ऐसे में उसे न खाएं। ' च ' से शुरू होने वाली आटिर्फिशल चीजें , जैसे चावल , चीनी , मैदा चपाती , चॉकलेट जैसी चीजों से परहेज करें। नॉर्मल फ्लू , एच 1 एन 1 फ्लू जैसी बीमारियों से बचने के लिए साफ - सफाई का ध्यान रखें और जिसे भी फ्लू है उससे एक हाथ की दूरी बना कर रखें। डेंगू , मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरों का प्रजनन रोकें और जॉन्डिस , टाइफाइड से बचने के लिए पानी उबालकर पिएं।

फॉर्म्युला 80 : कमर , धड़कन , गंदा कॉलेस्ट्रॉल , खाली पेट शुगर , नीचे का बीपी 80 से कम रखें। रोज 80 मिनट चलें , 80 बार प्राणायाम करें , 80 तालियां बजाएं , 80 बार हंसें , 80 ग्राम से ज्यादा न खाएं , चाय , अल्कोहल 80 एमएल से ज्यादा न पिएं।

' ' से रहें दूर : हिंदी वर्णमाला के अक्षर से शुरू होने वाली खाने की चीजों जैसे चावल , चीनी , मैदा चपाती , चॉकलेट जैसी चीजों से परहेज करें। (नवभारत टाइम्स से साभार)

Wednesday, January 12, 2011

एटीएम से कैश के साथ कीटाणु मिलते हैं फ्री

एटीएम का इस्तेमाल करने के बाद आप अपने हाथों की सफाई पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दीजिए। इंग्लैंड में किए गए एक सर्वे टेस्ट से पता लगा है कि कैश उगलने वाली इन मशीनों के कीपैड पर ऐसे बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, जो डायरिया या दूसरी बीमारियां कभी भी आपके भीतर पहुंचा सकते हैं।

ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, बायोकोट कंपनी के माइक्रो बायॉलजिस्ट डॉ. रिचर्ड हेस्टिंग्स के मुताबिक, हम बैक्टीरिया की मौजूदगी के मामले में एटीएम मशीनों और पब्लिक टॉयलेट के बीच तुलना करना चाहते थे। टेस्ट के बाद मिले नतीजों ने हमें हैरान कर दिया।

एटीएम मशीनों में खतरनाक बैक्टीरिया की मौजूदगी किसी आम पब्लिक टॉयलेट के जितनी ही थी। यही नहीं जो बैक्टीरिया एटीएम पर मिले, लगभग वैसे ही पब्लिक टॉयलेट के सैंपलों में भी पाए गए। यानी दोनों ही जगह आम इंसानी बीमारियों को फैलाने वाले कीटाणु थे।

बायोकोट ने यह सर्वे टेस्ट साफ-सफाई को लेकर बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर किया था। हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता लगा था कि लोग पब्लिक टॉयलेट को सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं।

कंपनी ने 3000 लोगों पर सर्वे किया था, जिसमें दूसरे नंबर पर सबसे गंदा और सेहत के लिए खतरनाक पब्लिक टेलिफोन बूथ को बताया गया था। इस सर्वे में लोगों ने गंदगी के मामले में तीसरे नंबर पर बस स्टॉप, चौथे नंबर पर मेट्रो स्टेशनों, पांचवें नंबर पर बस की सीट, छठे नंबर पर मेट्रो की सीट, सातवें नंबर पर एटीएम मशीन, आठवें नंबर पर ट्रेन स्टेशन, नौवें नंबर पर ट्रेन की सीट और दसवें नंबर पर चिप और पिन मशीनों को रखा था।

डॉ. रिचर्ड हेस्टिंग्स के मुताबिक, पब्लिक टेलिफोन बूथ कीटाणुओं के पनपने और इनके फैलाव के मामले में सबसे बड़ा खतरा हैं। इन्हें हर दिन न सिर्फ अलग-अलग लोग इस्तेमाल करते हैं बल्कि इनके हैंडसेट लोग अपनी नाक और मुंह के करीब भी रखते हैं।

यानी सर्दी जुकाम से पीड़ित अगर एक भी शख्स इसका इस्तेमाल करता है तो बीमारी के कीटाणु दूसरे यूजर्स तक आसानी से पहुंच जाएंगे। (साभार नवभारत टाइम्स)